आईसीसी ने 30 जुलाई से पहले वर्ल्ड कप सुपर लीग की शुरुआत कर दी है। इसका उद्देश्य वनडे को रोचक बनाना तो है ही। साथ ही छोटी टीमों को भी वर्ल्ड कप के लिए मौका देना है। लीग में 13 टीमों को शामिल किया गया है। इसमें आईसीसी की 12 पूर्ण सदस्य टीमें शामिल हैं। इन 12 टीमों के पिछले चार साल के वनडे रिकॉर्ड को देखें तो अफगानिस्तान की टीम आठवें नंबर पर है। यानी अगर उसका ऐसा ही प्रदर्शन रहा तो इस रिकॉर्ड के हिसाब से वह 2023 वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर लेगी। ऐसे में पूर्व चैंपियन श्रीलंका और विंडीज को क्वालिफायर खेलना होगा। यदि पहले की तरह ही रैंकिंग के हिसाब से टीमों को मौका दिया जाता तो श्रीलंका की टीम वर्ल्ड कप खेलती है जबकि अफगानिस्तान को क्वालिफायर खेलना पड़ता। आईसीसी इसके पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप भी शुरू कर चुकी है। आने वाले समय में वह टी20 के लिए भी इसी तरह की चैंपियनशिप की तैयारी कर रही है।
30 जुलाई 2016 से 30 जुलाई 2020 तक टॉप-12 टीम का प्रदर्शन

सुपर लीग की जरूरत पड़ी, क्योंकि पहले रैंकिंग से टीमें क्वालिफाई कर जाती थीं
वजह-1. टीमों को दो साल पहले ही वर्ल्ड कप का टिकट मिल जाता था
2019 वर्ल्ड कप की बात करें तो मुकाबले मई से जुलाई के बीच खेले गए। लेकिन सितंबर 2017 की रैंकिंग के हिसाब से मेजबान इंग्लैंड और टाॅप-7 टीम को वर्ल्ड कप का टिकट मिल चुका था। यानी वर्ल्ड कप शुरू होने के दो साल पहले। ऐसे में बड़ी टीमें इसके बाद के मैच में अपने बड़े खिलाड़ियों को बचाकर रखती थीं और नए को आजमाती थीं।
वजह-2. 2015 के बाद ऑस्ट्रेलिया 4 साल में 7वीं सबसे सफल टीम रही
2015 का वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया ने घर में जीता। इसके बाद प्रदर्शन में गिरावट आई। 2015 से 2019 के बीच ऑस्ट्रेलिया की टीम 66 में से 33 मैच जीत सकी। अफगानिस्तान ने 48 में से 26 मैच जीते। जीत के मामले में अफगानिस्तान की टीम 5वें और ऑस्ट्रेलिया की टीम 7वें पर रही। ऑस्ट्रेलिया की टीम रैंकिंग के कारण क्वालिफाई करने में सफल रही।
वजह-3. छोटी टीमें बड़ी टीम से खेल सकें, जिससे प्रदर्शन सुधरेगा
लीग में सभी टीम को 8 सीरीज खेलनी हैं। 4 घर पर और 4 बाहर। ऐसे में छोटी टीम को बड़ी टीम के खिलाफ सीरीज खेलने का मौका मिलेगा। इससे उनके प्रदर्शन में भी बढ़ोतरी होगी। आयरलैंड की टीम 2006 से ही वनडे मुकाबले खेल रही है।
हमें टॉप खिलाड़ियों को सभी मैचों में उतारना होगा: लेंगर
ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लेंगर ने कहा कि यह एक नए तरह का चैलेंज है। इससे हमें सभी मैचों में अपने बेस्ट खिलाड़ियों को ही उतारना होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद खिलाड़ियों के लिए फिटनेस बड़ा चैलेंज रहेगा, क्योंकि कई सीरीज टल गई हैं और आने वाले समय में उन्हें छोटे टाइम पीरियड में अधिक मैच खेलने पड़ेंगे।
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