जालंधर में कूड़े के ढेर से रोटी निकालकर भूख मिटाते बच्चे, जमशेदपुर में महिलाओं ने की कोरोना मइया की पूजा

कहते हैं कि भूख से बड़ा कोई धर्म और रोटी से बड़ा कोई ईश्वर नहीं होता है। ऊपर लगी यह तस्वीर जालंधर की हैं जहां कूड़े के ढेर में से खाने का पैकट निकाल कर बच्चे अपनी भूख मिटा रहे हैं। यह तस्वीर दिल को झकझोर देने वाली है। यह तस्वीर हमें सोचने पर मजबूर करती है कि 21वीं सदी के भारत में भी लोगों को भूखे पेट सोना पड़ता है, लेकिन इन बच्चों के लिए ये किसी उपलब्धि से कम नहीं है। सोमवार को दिनभर भूख से तड़पने के बाद इन्हें कांग्रेस भवन के पास पड़े कूड़े के ढेर में से एक बोरी मिला, जिसमें से खाने का पैकेट मिला। पैकेट देख इनके चेहरे पर इस बात का सुकून नजर आया कि आज भूखे नहीं सोना पड़ेगा।

शुभ हो, कल्याण हो
बांसवाड़ा में एक महिला ने कोरोना से जंग जीतने के बाद घर पहुंची तो सबसे पहले द्वार पर स्वस्तिक बनाया फिर अंदर प्रवेश किया। स्वस्तिक के चिह्न को मंगल प्रतीक माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले हिन्दू धर्म में स्वस्तिक का चिह्न बनाकर उसकी पूजा करने का महत्व है।

नौतपा में धूप की जगह आसमां से बरसे बादल

नौतपा में भी सीकर में जमकर बारिश हुई। आधे घंटे की मूसलाधार बारिश से नवलगढ़ रोड पर 2 से 3 फीट पानी भर गया। बारिश की वजह से व्यापारियों को प्रतिष्ठान बंद करने पड़े। पानी भरा होने से कई चालकों के वाहन खराब हो गए।

कोरोनाकाल में आस्था का लॉकडाउन

तस्वीर हरिद्वार की है। सोमवार को अनलॉक-1 लागू होने पर श्रद्धालु यहां पर गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे। संयोग से गंगा दशहरा भी था, इसलिए पूजा-अर्चना के साथ लोगों ने अनुष्ठान किए। संभवत: यह पहला मौका है जब पूरे देश के गंगाघाटों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। हरिद्वार, बनारस, इलाहाबाद, पटना जैसे कई शहरों में गंगा में डुबकी लगाने वालों की संख्या ना के बराबर ही है।

अनलॉक के पहले दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

ये तस्वीर दतिया जिले की सेंवढ़ा के सनकुआं धाम की है। सनक, सनंदन, सनत कुमार की तपोस्थली सनकुआं धाम पर मकर संक्रांति के बाद पहली बार 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। यह भीड़ जिले में किसी भी धार्मिक स्थल में से सबसे ज्यादा थी। सनकुआं धाम पर अचानक आई भीड़ देखकर प्रशासनिक अफसर हतप्रभ रह गए। आनन फानन में फोर्स सनकुआं पर पहुंचा और एनाउंसमेंट कराकर लोगों से सोशल डिस्टेंस का पालन कराने की अपील की।

मानसून ने दी दस्तक

केरल में मानसून ने सोमवार को अपने तय समय यानी एक जून को दस्तक दे दी है। इस कारण वहां के अधिकांश इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है। अब उम्मीद है कि देश के अन्य राज्यों में भी मानसून समय पर पहुंचेगा।

राजस्थान में आंधी और बारिश का दौर जारी

राजस्थान में आंधी और बारिश का दौर जारी है। सोमवार को राजधानी जयपुर सहित चूरू, अजमेर, कोटा, जो धपुर सहित कई इलाकों में तेज बारिश हुई। चूरू में सबसे ज्यादा 80.6, जयपुर 11.7, अजमेर 2.6 मिमी बारिश हुई। कई इलाकों में 30-40 प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी भी चली। इस बार राजस्थान में 24 या 25 जून तक मानसून के प्रवेश करने की संभावना है।

हे कोरोना मइया...

यह तस्वीर जमशेदपुर की हैं जहां मानगो गुरुद्वारा रोड में महिलाएं कोरोना देवी की पूजा कर रही हैं। चार महिलाओं ने सुबह नौ बजे पूजा शुरू की। देखते-देखते महिलाओं की भीड़ जुट गई। महिलाओं ने नौ लड्डू, नौ फूल, नौ लांग, और गुड़ की छाछ व सिंदूर टिक कर पूजा की। इसके बाद सारी सामग्री जमीन में गाड़ दी। ताकि, प्रकोप न बढ़े। इस दौरान महिलाओं ने न तो मास्क लगा रखे थे न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा। ये सब एक वायरल मैसेज देखकर किया गया। ये मैसेज बिहार के आरा से आया था।

कोरोना पर भारी पड़ा बुजुर्ग का जज्बा

आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती 97 साल के बुजुर्ग मरीज ने कोरोना को हरा दिया है। सोमवार को उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया। मरीज को 18 मई को हॉस्पिटल में भर्ती किया था। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए आईसीयू में रखा था। रिकवरी हुई और वे ठीक हो गए।

फिर लॉकडाउन चाहते हैं क्या?

लॉकडाउन खुलने के दिन बाजार में लोगों की भीड़ देखने को मिली। माणकचौक थाना पुलिस ने रामगंज बाजार, जौहरी बाजार व बापू बाजार में दुकानों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे। ऐसा ही नजारा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और देश के अन्य हिस्सों से भी देखने को मिली।



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यह तस्वीर दिल को झकझोर देने वाली है। यह तस्वीर हमें सोचने पर मजबूर करती है कि 21वीं सदी के भारत में भी लोगों को भूखे पेट सोना पड़ता है, लेकिन इन बच्चों के लिए ये किसी उपलब्धि से कम नहीं है।


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